Homeपन्नों में सिमटी जिंदगी [प्रथम खंड] (Hindi Edition)
पन्नों में सिमटी जिंदगी  [प्रथम खंड] (Hindi Edition)
पन्नों में सिमटी जिंदगी  [प्रथम खंड] (Hindi Edition)

पन्नों में सिमटी जिंदगी [प्रथम खंड] (Hindi Edition)

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Product Description

कहते हैं, जीवन एक किताब की तरह होता है। जिसमें जीवन से जुड़ी कई कहानियां, कई किस्से सिमटे हुए होते हैं। जैसे एक किताब में कई रंग-बिरंगे पन्ने होते हैं, कुछ मटमैले से भी दिखते हैं, ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में भी कई तरह के उतार - चढ़ाव आते रहते हैं। परिस्थितियां कभी एक जैसी नहीं रहती। कभी खुशी तो कभी उदासी, कभी अच्छा तो कभी बुरा होता ही है। जीवन इसी के इर्द - गिर्द घूमता है। कुछ चीजें मनमुताबिक हो जाती है तो हमें अत्यंत हर्ष होता है, परंतु कुछ जब हमारी इच्छा के विपरीत होता है तो हमें तकलीफ होती है, पर हम क्या कर सकते हैं? कुछ भी तो नहीं। यदि किसी के समक्ष अपनी बात हम रखेंगे तो पता नहीं वह समझेगा या नहीं, हमारी स्थिति पर व्यंग्य तो नहीं कसेगा? कई समस्याएं सामने आती हैं। इसलिए सबसे बेहतर यही है कि अपने विचारों को हम शब्दों का रूप देकर पन्नों पर उकेर दें। अपने अनुभवों को पन्नों में समेट ले, इससे हमारा मन भी हल्का होगा और चित्त भी प्रसन्न रहेगा। मैंने भी कोरोना काल में अपने जीवन के विविध अनुभवों को पन्नों में समेटने की कोशिश की है, क्योंकि कोरोना महामारी के चलते जहां बाहर चारों ओर सुनसान और सन्नाटा है, वही पन्नों की दुनिया में हलचल है, शोर है। इसकी गूंज मानव मन में हर्ष का संचार करती है।

इन्हीं विचारों को समेटे हुए है यह काव्य - संग्रह 'पन्नों में सिमटी जिंदगी'। मैंने इस पुस्तक में आप पाठकों के समक्ष अपने अनुभवों को कविता के रूप में रखने की कोशिश की है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी को यह अवश्य पसंद आयेगा।

--- नीलू गुप्ता

रचनाकार

तारीख: 17/05/2020

जलपाईगुड़ी

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